बिहार ठीकेदारी नियमावली 2007 – पथ निर्माण विभाग

बिहार ठीकेदारी नियमावली 2007 – पथ निर्माण विभाग

Bihar Thikedari Nayamawali 2007 Overview

Name of Articleबिहार ठीकेदारी नियमावली 2007
Type of ArticleParipatra Sangrah
Year of Publication2007
Published byRCD (Road Construction Department , Bihar)
Official Websitehttps://state.bihar.gov.in/rcd/CitizenHome.html
Letter No. and Date5737(S) Dated – 07.05.2007
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बिहार सरकार
पथ निर्माण विभाग

अधिसूचना

पत्र सं०-प्र०-6/नियम-03-04/2002 5737 (5) पटना, दिनांक-07.05.07
पूर्व निर्गत अधिसूचना संख्या ए2/नियम 3-0/97-4009 (एस) दिनांक 28 जून 997 को अवक्रमित करते हुए राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा पंजीकृत बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली 2007 को जन साधारण हेतु एतद द्वारा प्रकाशित की जाती है।
नियम
.1 (a) ‘ यह बिहार ठीकेदारी निबंधन नियमावली, 2007 कहलायेगी।
(b) यह नियमावली प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होगी।
2. ठीकेदारों को पथों एवं पुलों के निर्माणार्थ निम्नलिखित श्रेणी में निबंधित किया जायेगा :-
श्रेणी 1 : 3.50 करोड़ रूपये से ऊपर कोे निर्माण कार्य हेतु निविदा देने के लिए सक्षम।
श्रेणी 2 : 70 लाख रूपये से 3.5 करोड़ यपये तक को निर्माण कार्य हेतु निविदा देने के लिए सक्षम।
श्रेणी 3 : 70 लाख रूपये से कम तक को निर्माण कार्य हेतु निविदा देने के लिए सक्षम।
3. उपर्युक्त श्रेणियों के लिए निबंधन शुल्क निम्न प्रकार होगा :-
श्रेणी 1 : 2.00 लाख रूपये
श्रेणी 2 : 1.00 लाख रूपये
श्रेणी 3 : 25 हजार रूपये
4. (क) निबंधन 5 वर्षों के लिए अनुमान्य होगा। इस अवधि के दौरान श्रेणी दो एवं तीन में पंजीकृत संवेदक यदि चाहें तो श्रेणी एक में अतिरिक्त शुल्क जमा निबंधित हो सकते हैं। ऐसा करने पर उनकी निचली श्रेणी कापंजीकरण स्वतः: रदद्‌ू समझा जाएगा।
(ख) अभियंता प्रमुख अथवा मुख्ये अभियंता से अन्यून किसी पदाधिकारी, जो राज्य सरकार के द्वारा प्राघिकृत किये गये हों, निबंधन पदाधिकारी होंगे।
(ग). उपरोक्त तीनों श्रेणियों के पंजीकृत संवेदक सम्पूर्ण बिहार में कहीं भी निविदा डालने के लिये सक्षम होंगे।
5. पंजीकरण के लिए निम्नलिखित कागजात संवेदक को जमा करनी होगी :-
(क) प्रपत्र क’ में आवेदन पत्र
(ख) ९८0१ रजिस्ट्रेशन की छाया प्रति
(ग). आवेदन पत्र में अंकित पता का साक्ष्य
(घ) निर्धारित शुल्क का बैंक ड्राफ्ट “*अवर सचिव (लेखा), पथ निर्माण विभाग बिहार, पटना ” के पक्ष में देय तथा पटना में भुगतेय हो।
(च) यदि पार्टनरशीप या लोक सीमित कंपनी हो तो उसका निबंधन प्रमाण-पत्र, अंशधारियों के नाम तथा पार्टनरशीप डीड/कम्पनी बाई लॉ की प्रति।

6. सरकारी सेवा सै हटाये गये व्यक्ति, संवदकों के स्वीकृत सूची से हटाये गये व्यक्ति, पदावनत किये गये संवेदक, निलॉंजत सरकारी सेवक एवं न्यायालय से दोषी पाये गये व्यक्ति को किसी फर्म के सदस्य एवं व्यक्तिगत आवेदक होने की स्थिति में उनका निबंधन/नवीकरण नहीं किया जायेगा।
7. नवीकरण : पाँच वर्ष की अवधि के बाद पुन: कडिका 3 में दिये गये शुल्क को जमा कर नवीकरण कराया जा सकेगा। नवीकरण के लिये आवेदन पत्र निबंधन समाप्त होने के एक माह पूर्व दिया जाना होगा।
8. नवीकरण हेतु आवेदन देने के लिए अनुग्रह अवधि निबंधन समाप्ति हो जाने की तिथि से एक माह तक होगी।
9. पथ निर्माण विभाग के विभिन्‍न श्रेणी में वर्तमान निबंधित ठीकेदारों को संशोधित निबंधन नियमावली के निर्गत होने की तिथि से छः: माह के अन्दर अपने निबंधनों का नवीकरण करना होगा जिसके लिए उन्हें नवीकरण का निबंधशुल्क जमा करना होगा और ऐसा नहीं करने पर उनके निबंधनों की विधि मान्यता स्वत: समाप्त हो जायेगी। उनसे यह भी अपेक्षा की जायेगी कि वे संशोधित नियमावली में अपेक्षित कागजातों को जमा करें और संशोधित
नियमावली की शर्तों को पूरा करें।

जिन संवदकों के पुराने निबंधन नियमावली के अन्तर्गत निबंधन/नवीकरण हेतु आवेदन लंबित हैं, उनके द्वारा संशोधित नियमावली के जिस श्रेणी में निबंधन/नवीकरण करना चाहते हों उस श्रेणी की राशि तथा पूर्व जमा की गई चालान की राशि का अंतर जमा करना होगा।

10.. आवेदन पत्र : इच्छुक संवेदकगण परिशिष्ट-‘क’ में उल्लिखित प्रपत्र को भरकर आवेदन देंगे। विभाग द्वारा परिशिष्ट-‘ख’ में उल्लिखित निबंधन प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।

.11 काली सूची तथा निलंबन : ः

(क) व्यक्तिगत रूप से ठीकेदार या निबन्धित फर्म के किसी साझीदार या निजी लोक सीमित कम्प्ती के किसी निदेशक या उनके तकनीकीं कर्मचारी या उनके किसी प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा निम्नलिखित में से किसी कदाचार के कारण पथ निर्माण विभाग के किसी श्रेणी में निबंधित ठीकेदार का नाम काली सूची में डाल दिया जा सकेगा अथवा निश्चित अवधि के लिये निलंबित किया जा सकेगा अथवा अपने श्रेणी से नीचे
के श्रेणी में पदावनत किया जा सकेगा :-
(a) संबद्ध विभाग के किसी पदाधिकारी या कर्मचारी के साथ अनुशासनहीनता का व्यवहार।

(b) एकरारनामा एवं विहित निनिर्देश के अनुसार कार्य निष्पादन में चूक। .

c) निविदा कागजातों की प्राप्तियां, निविदा कागजातों के प्रस्तुतीकरण या उससे संबद्ध कोई कार्य करते समय सरकारी कार्यालय में विधि व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिये।

(d).ठीकेदार द्वारा अपना कार्य किसी दूसरे ठीकेदार अथवा किसी व्यक्ति को बिना विभागीय आदेश के सौपने पर (सबलेटिंग)।

(e) संबद्ध पदाधिकारी या कर्मचारी को अभिन्रासित करने या उनपर हमला करने के लिये।

(f) ठीकेदार द्वारा सरकारी सामान जैसे सिमेंट, स्टील एवं अलकतरा इत्यादि बेचते हुए पाये जाने पर।

(g) ठीकेदार द्वारा निविदा प्राप्त करने के लिये गलत अग्रधन या प्रतिभूति राशि एवं गलत कागजात समर्पित करने पर। ः

(h). एक से अधिक बार कार्य आवंटित होने पर निश्चित अवधि तक एकरारनामा नहीं करना।

(i). किसी अपराधिक गतिविधि में सजायफ्ता होने पर।

(j). सोची-समझी साजिश के तहत्‌ संघ/समूह (08706) बनाकर निविदा में भाग लेना/बहिष्कार करना।

(ख) किसी विशिष्ट श्रेणी के ठीकेदार को काली सूची मे दर्ज करने अथवा पदावनत (0606) करने अथवानिलंबन करने के पूर्व कारण बताओ नोटिस दिया जाना आवश्यक होगा।

(ग). काली सूची में डालने पदावनत (08006) करने का आदेश/निलंबन का आदेश संबंधित कोटि के निबंधनपदाधिकारी अथवा जिस पदाधिकारी के अधीन/पर्यवेक्षण में निबंधन पदाधिकारी कार्यरत हों, के द्वारा पारित किया जा सकेगा।
(घ) दिये गये दण्ड के विरूद्ध, संवेदक द्वारा, तीस दिनों के अन्दर आयुक्त एवं सचिव के समक्ष अपील दायर किया जा सकेगा।

2. एक बार किसी व्यक्ति फर्म/कम्पनी का निबंधन हो जाने के बाद इसके मूलभूत संरचना में परिवर्तन के लिये नया निबंधन करना अनिवार्य होगा।
3. निबंधन में अंकित ‘पावर ऑफ एटारनी’ में परिवर्तन की स्थिति में विभाग से आदेश प्राप्त होने पर ही निविदा में इसकी मान्यता दी जायेगी।
4. निबंधन में अंकित पता परिवर्तन होने पर इसकी सूचना निबंधन कार्यालय को देना आवश्यक होगा।

विश्वासभाजन,

(मोईजुर रहमान)

सरकार के संयुक्त सचिव,
पथ निर्माण विभाग, बिहार, पटना ।

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